Saturday 13 April 2013

तम्मना हो सभी पूरी, कहाँ ये हरबार होता है ....

खुद पर अक्सर, जब मुझे ऐतबार होता है !
ख्वाब में ए हमसफ़र, तेरा दीदार होता है !!
मैं सोचता रहता हूँ, हर पल- हर घडी तुझको !
जब भी मुझको, खुद मुझी से प्यार होता है !!

तेरी रहमत, तो मुझ पर यूँ, कुछ यूँ बरसती है !
मेरी सफलता का श्रेय, तू ही मेरे सरकार होता है !!

अब ये जिंदगी मेरी, हसीं कुछ यूँ है हो गयी !
''सफ़र में हमसफ़र'', तू ही मेरे यार होता है !! 

तम्मना है मेरी, इतनी की बस दीदार हो तेरा !
तम्मना हो सभी पूरी, कहाँ ये हरबार होता है !! 

पी के ''तनहा''