Monday 6 January 2014

मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!
जीता नही कभी मैं, जीवन के इस सफ़र में !
गर तुम भी ना मिले तो, एक और मेरी ''हार'' है !!

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!

माना इस सफ़र में, रुसवाईयाँ है लेकिन !
मदमस्त महफ़िलो में, तन्हाईयाँ है लेकिन !!
मालूम है ये मुझको, बस गम ही गम मिलेंगे !
तेरे लिए ''ए प्रियतम'', हर गम मुझे स्वीकार है !!

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!

पी के ''तनहा''