Monday, 6 January 2014

मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!
जीता नही कभी मैं, जीवन के इस सफ़र में !
गर तुम भी ना मिले तो, एक और मेरी ''हार'' है !!

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!

माना इस सफ़र में, रुसवाईयाँ है लेकिन !
मदमस्त महफ़िलो में, तन्हाईयाँ है लेकिन !!
मालूम है ये मुझको, बस गम ही गम मिलेंगे !
तेरे लिए ''ए प्रियतम'', हर गम मुझे स्वीकार है !!

एक बार कह दो, कि तुमको मुझसे प्यार है !
मेरी इस ग़ज़ल को बस, तुम्हारा इंतज़ार है !!

पी के ''तनहा''

Friday, 22 November 2013

उस राह से अब कोई नही गुजरता....

उस राह से अब कोई नही गुजरता !
जहां देखा था तुमको पहली बार ,
और दिल में उतर गयी थी तस्वीर तुम्हारी ...
मैं रोज़ पहुँच जाता था, तुमसे पहले
दीदार करने तुम्हारा
और तुम मेरे सामने उतरती थी ..
हर रोज़ अपने पापा कि बाइक से
मैं यूँ ही देखा करता था
सड़क पार करते हुए
तुम्हारी सादगी को ...
मगर हिम्मत न हुई कभी तुमसे कहने कि
लबो को आदत सी हो गयी
खामोश रहने कि ..
मगर उस राह से अब कोई नही गुजरता !
फिर एक दिन अचानक,
तूफ़ान जो आया ...
मुझे फिकर थी, खुद से ज्यादा तुम्हारी
और वो जो उड़ गया था
हवा से दुप्पटा तुम्हारा
और हथेली से ढक ली मैंने अपनी आँखे
मगर अँगुलियों के बीच से जो देखा
तो देख रही थी तुम मुझको भी
कहना चाहती थी शायद , मेरी ही तरह
मगर ...
मगर उस राह से अब कोई नही गुजरता !
एक हलकी सी मुस्कान ...तुम्हारी
मेरे दिल कि धड़कन , सहेजे है आज भी
करती है इंतज़ार तुम्हारा ...
मगर तुम ना जाने .कहाँ हो
आज भी निरंतर इंतज़ार में हूँ तुम्हारे
उसी सड़क पर , देखता हूँ राह तुम्हारी
कि तुम आओगी ..
मगर उस राह से अब कोई नही गुजरता !



 पी के ''तनहा''
कवि @ मेरा हमसफ़र 

Friday, 20 September 2013

प्रीत और प्यार के किस्से, कभी हकीकत नही होते..........

आसमा से टूटता, सितारा यही पैगाम लाता है !
मैं जब भी गीत रचता हूँ, तेरा ही नाम आता है !!

कभी ये प्यार के किस्से, होते सच मुहब्बत में !
खुदा तू ही है बस मेरा, मेरी  हर इबादत में  !!

मैं जब हूँ सोचता तुझको, अजब एहसास है होता !
काश: ख्वाब ये मेरा, कभी यूँ सच हुआ होता !!

मगर मैं भूल जाता हूँ, ये सपने सच नही होते !
प्रीत और प्यार के किस्से, कभी हकीकत नही होते !!

ना जाने फिर भी ये दिल, क्यों इनको संजो बैठा !
मना लाख किया लेकिन, हठ फिर भी पकड़ बैठा !!

मैं क्या करूँ अब तो, मुहब्बत कर ली जो तुमसे !
दो मीठे बोल तुम सजनी, कभी बोलो जरा हमसे !!

मेरा ये हाल है अब जो, वजह इसकी भी तुम ही हो !
मेरी हर साँस में तुम हो, मेरी धड़कन में तुम ही हो !!

पी के ''तनहा''

Saturday, 13 April 2013

तम्मना हो सभी पूरी, कहाँ ये हरबार होता है ....

खुद पर अक्सर, जब मुझे ऐतबार होता है !
ख्वाब में ए हमसफ़र, तेरा दीदार होता है !!
मैं सोचता रहता हूँ, हर पल- हर घडी तुझको !
जब भी मुझको, खुद मुझी से प्यार होता है !!

तेरी रहमत, तो मुझ पर यूँ, कुछ यूँ बरसती है !
मेरी सफलता का श्रेय, तू ही मेरे सरकार होता है !!

अब ये जिंदगी मेरी, हसीं कुछ यूँ है हो गयी !
''सफ़र में हमसफ़र'', तू ही मेरे यार होता है !! 

तम्मना है मेरी, इतनी की बस दीदार हो तेरा !
तम्मना हो सभी पूरी, कहाँ ये हरबार होता है !! 

पी के ''तनहा''

Wednesday, 14 November 2012

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला


कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला !!

महफिलो ने भी उदासी के गीत गाये है तुझ बिन !

जबसे बिछड़ा है तू, चमन में कोई फूल नही खिला !!


तेरी बिछडन का मुझको,थोडा शिकवा है, थोडा गिला !

मेरी आँखों ने तुझको, खोजा बहुत, मगर तू नही मिला !!

एक अरसा बीत गया, तेरा दीदार किये ए ''हमसफ़र'' !

आ मिटा दे अब, तेरे मेरे दरमियाँ है, जो फांसला !!


कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला

पी के ''तनहा''

Wednesday, 31 October 2012

पी के ''तनहा''

आज फिर हम उनके ख्यालो में खो गये !
हमको खबर ना रही, की उनकी बाहों में सो गये !!
मत पूछो, दास्तान उन पलो की मुझसे !
जिनमे हम उनके,और वो हमारे हो गये !!  
 
पी के ''तनहा''