तुम पर कुछ लिखने की खातिर
जब जब मैंने कलम उठाई
आई याद तुम्हारी मुझको
और आँख भी मेरी भर आई
मैंने तुमको कितना चाहा
और पल पल मैंने वफा निभाई
तुम पर कुछ लिखने की खातिर
जब जब मैंने कलम उठाई
सोचा तू मुझको समझेगी
किस्मत मेरी भी चमकेगी
पर तुने मुझको न पहचाना
भरी महफ़िल में की रुसवाई
तुम पर कुछ लिखने की खातिर
जब जब मैंने कलम उठाई
तेरे लिए सपने भी टूटे
तेरे लिए अपने भी छूटे
सोचा था बजेगी एक दिन
मेरे घर भी सहनाई
तुम पर कुछ लिखने की खातिर
जब जब मैंने कलम उठाई
दुनिया से मैं जाऊंगा जिसदिन
पल पल याद आऊंगा उस दिन
हर पल तेरे साथ रहेगी
बस मेरी ही परछाई
तुम पर कुछ लिखने की खातिर
जब जब मैंने कलम उठाई
दुनिया से मैं जाऊंगा जिसदिन
ReplyDeleteपल पल याद आऊंगा उस दिन
हर पल तेरे साथ रहेगी
बस मेरी ही परछाई ...बहुत सुन्दर भावो से सजाया है आपने अपनी दिल की बात...