यू तो हंसती है मेरी आँखें हरपल !
कहीं ये अश्क ही ना बन जाये ग़ज़ल !!
तुम भी कुछ बोलो , चुप क्यों हो !
इस मुश्किल का कोई , निकालो हल !!
राह चलते में साथ , होगा काफिला !
क्या करोगे ,तन्हाई जब होगी कल !!
रश्क ना कर, तुझको भी मंजिल मिलेगी !
यूं ही नहीं मिलता , मेहनत का भी फल !!
मैं जानता हूँ, कुछ रूठे से है वो मुझसे !
मना रहा हूँ , शायद मान जायेंगे कल !!
यू तो हंसती है मेरी आँखें हरपल !
कहीं ये अश्क ही ना बन जाये ग़ज़ल !!
यू तो हंसती है मेरी आँखें हरपल !
ReplyDeleteकहीं ये अश्क ही ना बन जाये ग़ज़ल !!...बहुत खूब..लाजवाब..