एक बार बता जा मेरे यार !
क्या तुझको भी है मुझसे प्यार !!
गर है तुझको भी मुझसे प्यार !
फिर किसलिए है ये इंतज़ार !!
भवर बीच है कश्ती मेरी !
और उस पार है बस्ती तेरी !!
तू देख रहा है साहिल से !
कब कश्ती होगी मेरी पार !!
गर है तुझको भी मुझसे प्यार !
फिर किसलिए है ये इंतज़ार !!
कुछ याद है मुझको वो सपने !
कुछ साथ थे मेरे भी अपने !!
वो ख्वाब टूटे , और आप भी छूटे !
इश्क का चढ़ा है जबसे खुमार !!
गर है तुझको भी मुझसे प्यार !
फिर किसलिए है ये इंतज़ार !!
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