Wednesday, 14 November 2012

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला

कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला


कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला !!

महफिलो ने भी उदासी के गीत गाये है तुझ बिन !

जबसे बिछड़ा है तू, चमन में कोई फूल नही खिला !!


तेरी बिछडन का मुझको,थोडा शिकवा है, थोडा गिला !

मेरी आँखों ने तुझको, खोजा बहुत, मगर तू नही मिला !!

एक अरसा बीत गया, तेरा दीदार किये ए ''हमसफ़र'' !

आ मिटा दे अब, तेरे मेरे दरमियाँ है, जो फांसला !!


कभी टुटा नही मेरे दिल से , तेरी यादों का सिलसिला !

तकदीर ने रह रह कर था , पल पल मुझे छला

पी के ''तनहा''

Wednesday, 31 October 2012

पी के ''तनहा''

आज फिर हम उनके ख्यालो में खो गये !
हमको खबर ना रही, की उनकी बाहों में सो गये !!
मत पूछो, दास्तान उन पलो की मुझसे !
जिनमे हम उनके,और वो हमारे हो गये !!  
 
पी के ''तनहा''

Monday, 29 October 2012

बस, लाज रख लेना मेरे प्यार की......

सोचता हूँ आज लिख ही दूं !
वो सब, जो नही कह पाया !!
तुमसे ...
मगर कहना चाहता हूँ !
मैं तुझमे रहना चाहता हूँ !!
मैं तुझसे दूर रहकर ....
सोच के सागर की गहराइयों में बहकर ...
तन्हाई भरी आहों में....
कुछ ख्वाबो की बाहों में...
तुझको और सिर्फ तुझको..
निरंतर लिखता गया ...
मगर आज भी ये आलम है ...
की ये आँखें प्यासी है तेरे दीदार की...
चाहत है एक झलक दिख जाये मेरे यार की...
मुझे , मेरी ख्वाहिश की परवाह नही...
बस, लाज रख लेना मेरे प्यार की......
 
पी के ''तनहा''  

Monday, 30 July 2012

जिंदगी अश्को की किताब है..........

जब छोटा था , तब एक नाम सुना था जिंदगी ........
आज तक उसको ही सोच रहा हूँ ...की मैं क्यों सोच रहा हूँ...............
लोग कहते हैं की ... जिंदगी एक हसी ख्वाब है ..
मगर मैंने इसको जीकर देखा तो लगा ....की ......
जिंदगी अश्को की किताब है ...
जो जब चाहे . इन आँखों से बरसात करा सकती है ...
लेकिन उसका भी एक अलग ही आनंद हैं  ..
जिसमे सिर्फ दर्द ही दर्द झलकता हैं ....
खुशियाँ तो सभी के हिस्से में आ जाती है ..मगर ..
दर्द किस्मत वालो को ही मिलता है ....
और जाते जाते यूँ जिंदगी से कुछ पूछना चाहता हूँ ....की ....
 
इस तन्हाई में ,उदासी के कोई गीत तो गाये !
बहुत सह चुके , इस दर्द को कोई तो समझाए !!
मुझे मुस्कान के बदले , मिली अश्को की सोगाते !
ऐ ''हमसफर'' आकर जरा बता मुझको ......
इस जिंदगी को अब कैसे जिया जाये !!
 
प्रस्तुतकर्ता :- पी के शर्मा   

Wednesday, 25 July 2012

कभी मंजिल को पाने में ज़माने बीत जाते हैं

कभी नज़रें मिलाने में ज़माने बीत जाते हैं,
कभी नज़रें चुराने में ज़माने बीत जाते हैं,

किसी ने आँख भी खोली तो सोने की नगरी में,
किसी को घर बनाने में ज़माने बीत जाते हैं,

कभी काली स्याह रातें भी पल पल की लगती हैं,
कभी सूरज को आने में ज़माने बीत जाते हैं,

कभी खोला घर का दरवाजा तो मंजिल सामने थी,
कभी मंजिल को पाने में ज़माने बीत जाते हैं,

चंद लम्हों में टूट जाते हैं उम्र भर के वो बंधन,
वो बंधन जो बनाने में ज़माने बीत जाते हैं....!!!!

Saturday, 31 March 2012

माँगा था रोशन जहाँ , मुझको अंधियारी रात मिली ......

मेरे ख्वाबो को देखो यारो , कैसी ये सौगात मिली !
माँगा था रोशन जहाँ , मुझको अंधियारी रात मिली !!
 
ये पागल मन भी देखो , यूं बन बैठा दीवाना !
लाख समझाने पर भी , ये मेरी एक ना माना !!
 
कसूर नहीं था उसका भी , इलज़ाम क्यों मैं उसको दूँ !
अब वादे, यादे पास नहीं ,उस तूफां का हिसाब किसको दूँ !!
 
अब मिलना जुलना , भी देखो कैसा है दुशवार हुआ !
इश्क हुआ था तब मुझको , क्यों अब तक ना इज़हार हुआ !!
 
यूं देख देख कर ही तुमको , मन की बैचनी बढती थी !
शायद तुम भी सोच कर मुझको, एक ख्वाब नया सा घढती थी !!
 
पर मंजिल हम प्यार की चढ़ ना सके !
वो सपने भी सच हो ना सके !!
 
हमारे प्यार का दुश्मन , ये सारा संसार हुआ !
जिधर को निकला मैं , उधर न्यारी ही बात मिली !!
 
मेरे ख्वाबो को देखो यारो , कैसी ये सौगात मिली !
माँगा था रोशन जहाँ , मुझको अंधियारी रात मिली !!
 
 

Saturday, 7 January 2012

इन्तहां ना लेना मेरी बेबसी का......

इन्तहां ना लेना मेरी बेबसी का !
तोड़ ना देना यूँ ही दिल किसी का !!

मुझको तो तेरी तम्मना थी यारा ! 
इंतजार करते तेरा मैं तो हारा !!
तुम आये थे जिस पल .......!
वो पल था खुसी का ..........!!

इन्तहां ना लेना मेरी बेबसी का !
तोड़ ना देना यूँ ही दिल किसी का !!

टूटता है जब दिल , दर्द बड़ा होता !
हर तरफ मायूसी , हर कोई रोता !!
फैसला तब होता है ..........!
इस जिंदगी का ..................!!

इन्तहां ना लेना मेरी बेबसी का !
तोड़ ना देना यूँ ही दिल किसी का !!

काश की मुझको तुम जाते !
समझते मुझे , मुझे दिल से लगाते !!
अंजाम होता है ये .....!
हर पल हंसी का ........!!.

इन्तहां ना लेना मेरी बेबसी का !
तोड़ ना देना यूँ ही दिल किसी का !!

Monday, 2 January 2012

सागरों में अब गहराइया नहीं रही ....

हम तो डूबने चले थे .मगर ........!
सागरों में अब गहराइया नहीं रही !!  
 
ये आँखें आज फिर रोने को है !
मन ये फिर आज सोने को है !!
जिंदगी की शाम होने को है !
वक़्त के फैसले, अब ये ही सही !!
 
हम तो डूबने चले थे .मगर ........!
सागरों में अब गहराइया नहीं रही  !!
 
तुझसे उम्मीद थी मुझको बहुत !
मगर अब उम्मीद क्या रखूँ !!
निशाँ ही मिट गये मंजिल के !
मंजिल जो , आज तक मिली नहीं !!
 
हम तो डूबने चले थे .मगर ........!
सागरों में अब गहराइया नहीं रही !!
 
मालूम मुझको नहीं , मगर !
मिले थे तुम उस मोड़ पर !!
अनजान बना दिया मुझको !
मगर अजनबी तुम तो नहीं !!
 
हम तो डूबने चले थे .मगर ........
सागरों में अब गहराइया नहीं रही