Sunday 21 August 2011

आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो


आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो 
मगर आने वाले कल में आप पछताएँगे 

आज आप जा रहे हो हमसे मुह मोडकर 
कल हम भी चले जायेंगे तुमको तडपता छोडकर 
और फिर आप हमको बुलाओगे 
मगर हम नहीं आयेंगे 
क्योंकि तुमसे बिछड़ कर हम 
इस दुनिया में नहीं उस दुनिया में चले जयेंगे 

आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो 
मगर आने वाले कल में आप पछताएँगे 

तुम सोचना यू ही मुझको खवाबो में 
और गर करना हो महसूस मुझे 
तो जाना गुलाबो की खुसबो में 
मैं मिलूँगा तुमको गुलाबो में 
जिंदा रहकर भी हम तुम 
पल पल मरते रह जाएँगे 

आज हमको ठुकराकर जा तो रहे हो 
मगर आने वाले कल में आप पछताएँगे 

2 comments:

  1. बहुत सुंदर...मन के सीधे सच्चे भाव उकेरे हैं आपने.....

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