टूटे हुए ख्वाबो की दास्ताँ मुझसे सुन
मेरी तरह एक हमसफ़र तू भी चुन
एक ख्वाब जो मैंने भी देखा था
जो पल भर मैं ही टूट गया !
मैं देखता रहा हाथों की लकीरे
नसीब हाथों से मेरे फिसलता रहा
अब टूट गए वो सपने मेरे
अब छुट गये वो अपने मेरे
किस्मत की कहानी क्या बताऊ तुमको
एक छोटा सा मशवरा देता हूँ तुमको
न मेरी तरह कभी तू सपने बुन
टूटे हुए ख्वाबो की दास्ताँ मुझसे सुन
मेरी तरह एक हमसफ़र तू भी चुन
बेहद ही सुन्दर शब्द।
ReplyDeleteबहुत खूब...
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