Friday, 16 September 2011

टूटे हुए ख्वाबो की दास्ताँ मुझसे सुन

टूटे हुए ख्वाबो की दास्ताँ मुझसे सुन 
मेरी तरह एक हमसफ़र तू भी चुन 

एक ख्वाब जो मैंने भी देखा था 
जो पल भर मैं ही टूट गया !
मैं देखता रहा हाथों की लकीरे 
नसीब हाथों से मेरे फिसलता रहा 
अब टूट गए वो सपने मेरे 
अब छुट गये वो अपने मेरे 
किस्मत की कहानी क्या बताऊ तुमको 
एक छोटा सा मशवरा देता हूँ तुमको 
न मेरी तरह कभी तू सपने बुन 

टूटे हुए ख्वाबो की दास्ताँ मुझसे सुन 
मेरी तरह एक हमसफ़र तू भी चुन 

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